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पढ़ते समय म्यूज़िक सुनना: फायदे या नुकसान? विज्ञान और एक्सपर्ट्स की राय

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पढ़ाई के दौरान म्यूज़िक सुनना: फायदे या नुकसान?

विज्ञान और रिसर्च के आधार पर समझें कब म्यूज़िक मददगार है और कब नहीं

पढ़ाई के दौरान म्यूज़िक सुनना: फायदे या नुकसान?


पढ़ाई के दौरान म्यूज़िक सुनना आजकल स्टूडेंट्स के बीच एक ट्रेंड बन गया है। कुछ लोग इसे फोकस बूस्टर मानते हैं, तो कुछ का कहना है कि यह डिस्ट्रैक्शन बढ़ाता है। यह पोस्ट इस बहस को विज्ञान और रिसर्च के आधार पर समझाएगी और आपको बताएगी कि किन हालात में म्यूज़िक फ़ायदेमंद है या नुकसानदायक।

पढ़ाई के दौरान म्यूज़िक सुनने के फायदे

• मूड और मोटिवेशन बूस्ट करता है

अपफ़ील म्यूज़िक (जैसे बीट्स वाले गाने) दिमाग में डोपामाइन रिलीज़ करते हैं, जिससे पढ़ाई में मन लगता है।

उदाहरण: रिसर्च कहती है कि लो-फाई म्यूज़िक सुनने से स्टूडेंट्स 15-20% ज़्यादा समय तक पढ़ पाते हैं।
• बैकग्राउंड नॉइज़ ब्लॉक करता है

अगर आप शोरगुल वाले माहौल (हॉस्टल, कैफ़े) में पढ़ रहे हैं, तो इंस्ट्रूमेंटल म्यूज़िक बाहरी आवाज़ों को कवर करके फोकस में मदद करता है।

• एंग्जाइटी और स्ट्रेस कम करता है

क्लासिकल म्यूज़िक या नेचर साउंड्स (बारिश, समुद्र) दिल की धड़कन और ब्लड प्रेशर को स्थिर करते हैं।

पढ़ाई के दौरान म्यूज़िक सुनने के नुकसान

• लर्निंग प्रोसेस में बाधा

अगर म्यूज़िक में लिरिक्स हैं, तो दिमाग का लैंग्वेज प्रोसेसिंग एरिया डिस्ट्रैक्ट होता है। इससे याद करने की क्षमता 30% तक कम हो सकती है।

• कॉम्प्लेक्स टास्क्स में प्रॉब्लम

गणित, कोडिंग, या फिलॉसफी जैसे हाई-कॉग्निटिव टास्क के दौरान म्यूज़िक दिमागी रिसोर्सेज को डिवाइड कर देता है।

• ओवरडिपेंडेंसी बन सकती है

लगातार म्यूज़िक पर निर्भरता से साइलेंट एनवायरनमेंट में फोकस करने की क्षमता कमज़ोर होती है।

विज्ञान क्या कहता है?

द मोजार्ट इफ़ेक्ट

कुछ स्टडीज़ के अनुसार, क्लासिकल म्यूज़िक (जैसे मोजार्ट) से स्पेसियल-टेम्पोरल रीजनिंग में सुधार होता है, लेकिन यह अस्थायी होता है।

रिसर्च डेटा

2022 की एक स्टडी में पाया गया कि 60% स्टूडेंट्स को लिरिक्स वाले गाने डिस्ट्रैक्ट करते हैं, जबकि 40% को इंस्ट्रूमेंटल म्यूज़िक मददगार लगा।

कब सुनें और कब न सुनें? (एक्सपर्ट टिप्स)

सुनने के लिए बेस्ट समय:

  • रिपीटेटिव टास्क्स (नोट्स राइटिंग, डेटा एंट्री)।
  • लो-मूड में पढ़ाई शुरू करने से पहले।
  • बैकग्राउंड नॉइज़ वाले माहौल में।

न सुनने के लिए स्थितियाँ:

  • नई चीज़ें याद करते समय (जैसे फॉर्मूले, डेफ़िनिशन्स)।
  • एग्जाम की तैयारी के दौरान (क्योंकि एग्जाम हॉल में म्यूज़िक नहीं होता)।
  • कॉम्प्लेक्स प्रॉब्लम सॉल्विंग के दौरान।

कौन सा म्यूज़िक चुनें?

  • लो-फाई बीट्स: YouTube पर "Study Beats" प्लेलिस्ट।
  • नेचर साउंड्स: बारिश, जंगल, या समुद्र की आवाज़।
  • क्लासिकल म्यूज़िक: मोजार्ट, बीथोवन, या बाख।
  • बिना लिरिक्स वाले इलेक्ट्रॉनिक ट्रैक्स (जैसे अंबिएंट म्यूज़िक)।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

Q1: क्या पढ़ाई के दौरान म्यूज़िक सुनने से याददाश्त कमज़ोर होती है?

A: सिर्फ तभी जब लिरिक्स हों या म्यूज़िक बहुत तेज़ हो। इंस्ट्रूमेंटल म्यूज़िक से याददाश्त पर नकारात्मक असर नहीं पड़ता।

Q2: एग्जाम से पहले म्यूज़िक सुनना चाहिए?

A: हाँ! रिवीजन से पहले 10 मिनट का अपना फेवरिट म्यूज़िक सुनने से मूड फ्रेश होता है।

Q3: ADHD वाले स्टूडेंट्स के लिए म्यूज़िक फ़ायदेमंद है?

A: रिसर्च के अनुसार, ADHD वाले बच्चों को इंस्ट्रूमेंटल म्यूज़िक से फोकस में मदद मिलती है।

Q4: क्या गाने गुनगुनाना ठीक है?

A: नहीं, इससे दिमाग पढ़ाई के बजाय गाने पर फोकस करता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

पढ़ाई और म्यूज़िक का रिश्ता पर्सनल प्रेफरेंस और टास्क टाइप पर निर्भर करता है। अगर आप सही ज़रूरत के हिसाब से म्यूज़िक चुनते हैं, तो यह आपकी प्रोडक्टिविटी बढ़ा सकता है। लेकिन लिरिक्स और तेज़ बीट्स से हमेशा बचें!

पढ़ाई और म्यूज़िक स्टडी हैक्स फोकस बढ़ाने के उपाय मेमोरी टिप्स एग्जाम प्रिपरेशन

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