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धौलपुर और 1857 (12 अक्टूबर, 1857 ई.)
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Dholpur - धौलपुर में क्रांति 1857 |
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Dholpur - धौलपुर में क्रांति 1857 |
धौलपुर का शासक भगवन्तसिंह अंग्रेजों का समर्थक था. उसने मथुरा और करौली में क्रांतिकारियों को दबाने के लिए सेना भेजी और धौलपुर आने वाले अंग्रेजों को सुरक्षित आगरा पहुँचाया, लेकिन राज्य की सेना और सरदारों पर विद्रोहियों का प्रभाव था। गुजर नेता देवा ने 3000 सैनिक इकट्ठे कर राज्य खजाने से दो लाख रुपए लूट लिए। अक्टूबर 1857 में ग्वालियर और इन्दौर के विद्रोहियों के धौलपुर में प्रवेश करने पर राज्य को सेना के अधिकांश सैनिक एवं अधिकारी इनसे मिल गए। धौलपुर के शासक को मार डालने की धमकी दी गई। राव रामचन्द्र और हीरालाल के नेतृत्व में 1000 क्रांतिकारी राज्य की तोपें लेकर आगरा कूच कर गए और आगरा पर आक्रमण किया। दिसम्बर, 1857 तक धौलपुर का शासक शक्तिहीन और क्रांतिकारियों के अधीन रहा। अंत में पटियाला की सेना ने धौलपुर को क्रांतिकारियों के कब्जे से मुक्त करवाया।
Q ➤ 1857 के विद्रोह के दौरान निम्नलिखित में से किस ठिकानेदार ने तांत्या टोपे की सहायता की थी-[कॉलेज व्याख्याता (इतिहास) - 2016)
Q ➤ 1857 की क्रांति के समय मेजर स्पोटिसवुड तथा कर्नल न्यूबारी की हत्या किस छावनी में की गयी थी-[JEN (विद्युत) डिप्लोमा -29.11.2020]
Q ➤ राजस्थान में 1857 में पहला विद्रोह कब और कहाँ हुआ?
Q ➤ 1857 विद्रोह के समय जोधपुर के महाराजा तख्तसिंह ने किसके नेतृत्व में सेना अजमेर भेजी-[कनिष्ठ वैज्ञानिक सहायक (अस्त्रक्षेप) 21.9.2019]
Q ➤ किस छावनी के सैनिक दस्तों ने 21 अगस्त, 1857 को 'चलो दिल्ली-मारो फिरंगी' नारे के साथ बगावत की [पटवार-23.10.2021 ]
Nice explain
ReplyDeletebahut acchi research aap source share kr skte ho taki hm or pd ske
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